Posts

Showing posts from January, 2017

Hindi Poem (हिंदी कविता ) - 21: Some of my favorites

Image
लिखा हुआ हर एक शब्द काल्पनिक है | इसका किसी भी व्यक्ति या वस्तु से वास्तविक सम्बन्ध नहीं है | अगर किसी व्यक्ति का इससे कोई वास्तविक सम्बन्ध पाया जाता है तो यह मात्र एक संयोग होगा | स्वार्थ बस इतना मांगता हूँ मैं जो भी करू खुश रहू मेरा परिवार खुश रहे मेरा देश प्रसंनित हो और संसार खुश रहे मेरा भला हो मेरे परिवार का भला हो भला हो देश का ये संसार फूले फले ========================================================================= कल कल किसी कहानी में समाज का चेहरा दिखेगा नहीं कोई कथाकार ऐसी शक्ल बुनेगा नहीं क्योंकि - वह इतना जान लेगा कि डरने लग गया है इन्सां अपने अक्स से अपने बिम्ब से वह स्वंयं को जानना चाहेगा नहीं और वह जियेगा सपनो में जागेगा नहीं ========================================================================= भावनाएं मैं या तो नहीं करता तुम्हारी परवाह; गर करता भी तो नहीं है व्यक्त करने की चाह; मुझे यकीं नहीं किसी पर भी ना तुम पर, ना अपने आप पर भी; पर इतना कह सकता हूँ मांगोगी तो - ये हस्ती है तेरे लिए ये मुस्कान तुम्हारी है, ये

Hindi Poem (हिंदी कविता ) - 22: कुछ शब्द जो अधूरे रह गए -2

भाग दौड़ भरे इस दौर में बचपन एवं बाल श्रम पर कुछ शब्द - फूल खिले है शाखों पर समां ज़रा महकाने दो मुरझाना भी जीवन है  पर पतझर को तो आने दो  - गौरव --------------------------------------------- कुछ ख्वाब के धागों से पिरोई जिंदगी है कुछ सागर के मोती सी संजोई जिंदगी है एक एक पल ख़ुशी का बटोर लेना खुद से वर्ना बुलबुलों की मानिंद खोई जिंदगी है - Gaurav --------------------------------------------- हम कभी तेरे हम दम ना थे ना कभी देखा था ख्वाब होने का फिर जालिम क्यों इलज़ाम लगाया मयकदे में तिर होने का - Gaurav --------------------------------------------- हाल तो ऐसे पूछती है वो जैसे कई दिनों से हंसने का बहाना नहीं मिला और हम है कि जीते जाते है जैसे जिंदगी में एक जमाना नहीं मिला - Gaurav -------------------------------------------- यूँ तो हम तुमसे अक्सर नज़र फेर लेते थे दिल के पंछी को हम ख्वाबो में पंख देते थे | वो तो बरसात ने किरकिरा कर दिया मौसमहम तो रेगिस्तां में नैय्या बहुत खेते थे  - Gaurav ----------------------------------------------- Prosopagno