बैगन Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps By Gaurav Meena - April 04, 2024 कुछ फैला हुआ सा डर है, कुछ छाई है इर्ष्या सी, जीत से नहीं, खुश होते - हार से दूसरों की, ना जाने क्या चाहते हैं, थाली का बैगन हो जैसे, आँखें मूंदे भागते जाते हैं। Read more