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Hindi Poem (हिंदी कविता ) : अपरंपरागत कविताये

--------------------------------------------- हमने जो राह चुनी है, उसमे कई तुम्हारे जैसे आयेंगे गर तुमसे नाराज हो गए तो हम बाकी से कैसे निभाएंगे -- Gaurav --------------------------------------------- पता नहीं तू ग़मगीन है या ख़ुशी से सठिया गया है जो भी हो उसमे में शरीक होंगे भी हम और नहीं भी -- Gaurav --------------------------------------------- सलटना न जाने इतना क्यों मदहोश था मैं रात की बात से या आज की मुलाक़ात से जो भी था बड़ी जोर से धड़का था दिल बड़ी मुस्किल से संभला था दिल इक ख़याल से दुनिया बदल जाती वो गलती सलट जाती -Gaurav --------------------------------------------- इस एक चित्र के हजारो अर्थ है और हजारो अर्थो का कोई अर्थ नहीं जो एक अर्थ से तू मिल जाए तो समझ तेरा जीवन व्यर्थ नहीं - Gaurav --------------------------------------------- हर एक, दो शब्द होता है एक चले, दूजे का क्या काम  Gaurav ------------- जब हम ना होंगे, जब हमारी खांक पे तुम रुकोगे चलते चलते अश्कों से भीगी चांदनी में एक सदा सी सुनो गे चलते चलते - not mine ----------