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Thought ( मनन ) - 26: सपने हो, बाकी लोगो के सपनो के मूल्य पर न हो

After watching chakravyuh everybody's reaction - god movie hai, pataa nahin chalta who is right and who is wrong. My reaction -  इंसान की ये ही व्यथा है, हमेशा तुलनात्मक नजरो से देखता है | अगर एक चीज़ गलत होगी तो दूसरी सही होनी चाहिए | यह कभी नहीं सोचता की दोनों सही हो सकती है या दोनों गलत हो सकती है | इंसान सपने खुद के लिए देखता है या फिर कुछ अपने लोगो के लिए देखता है | फिर वह उम्मीद रखता है कि इन सपनो को कोई पूरा करेगा या फिर पूरा करने में मदद करेगा | अगर ऐसा हो कि इंसान सपने दूसरो के लिए देखे और उन्हें पूरा करने की उम्मीद खुद से रखे तो शायद लोगो के मन से घ्रणा थोड़ी कम हो | हमारे पूर्वजो ने शायद कुछ चीजे हमें सही तरह समझा नहीं पाए | उन्होंने हमें सिखाया कि सपने देखना चाहिए, पर ये बोलना भूल गए कि वो सपने बाकी लोगो के सपनो के मूल्य पर न हो | उन्होंने बताया कि बिना इच्छाओ के जीवन अधूरा है पर शायद वो ये बताना भूल गए कि इच्छाए सिर्फ हमारी नहीं सब लोगो की होती है | कुछ ने हमें ये भी बताया कि एक नया संसार बनाओ पर ये बताना भूल गए कि उस संसार को अंत तक देखने की इच्छाए नहीं रखन